डायरेक्ट Vs रेगुलर Mutual Fund मे से कौनसा बेटर है:
आजकल बहुत सारे दोस्त Mutual fund मे invest करने के लिए डायरेक्ट मोड पसंद करते है तो आज के इस पोस्ट मे हम आपको बताने की कोशिश करेंगे की Direct vs Regular इन्वस्टमेंट मे क्या अंतर् है and किस तरह के इन्वेस्टर के लिए कौनसा मोड बेटर है?
सबसे पहले Direct plan वो होता है जिसमे की कोई भी इन्वेस्टर डायरेक्ट mutual fund कंपनी से mutual फण्ड खरीदते हैं चाहे वो ऑनलाइन मोड हो या उनके ऑफिस मे जा कर इन्वेस्टमेंट करना हो सभी काम इन्वेस्टर को खुद करना पड़ता है जबकि Regular plan वो होता है जिसमे की इन्वेस्टर, Mutual fund advisor, broker, या फिर distributor की हेल्प से म्यूच्यूअल फण्ड मे इन्वेस्ट करते है। रेगुलर म्यूचुअल फंड मे mutual fund कंपनी, एजेंट, ब्रोकर या फिर डिस्ट्रीब्यूटर को उनके काम के बदले मे कुछ commission pay करती है जो की उस म्यूचुअल फंड का expense कहलाता है। इसी कारण regular प्लान का expense ratio हमेशा डायरेक्ट प्लान से ज्याद होता है। अब जो सबसे इम्पोर्टेन्ट बात है वो ये है की कौनसे इन्वेस्टर को डायरेक्ट और कौनसे इन्वेस्टर को रेगुलर म्यूचुअल फंड मे इन्वेस्ट करना चाहिए -
डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट किन लोगो को करना चाहिए - अगर आप कुछ कमीशन बचाने की वजह से डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट करने की सोच रहे हैं तो ये गलत डिसिशन भी हो सकता हैं क्योकि डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट करने के लिए आपके पास फण्ड की अच्छी जानकारी, रिसर्च और थोड़ा मार्किट की जानकारी होना जरुरी हैं और इन सब चीजों के लिए आपके पास समय भी होना चाहिए जिसमे आप सभी फण्ड के बारे मे रिसर्च कर पाए क्योकि बिना रिसर्च के अगर आप कुछ पैसे बचाने की वजह से डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट करने कि सोचते हैं तो ये आपके लिए नुक्सान वाला भी हो सकता हैं। डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट करने के लिए जब आप कोई फण्ड select करते हैं तो इन्वेस्टमेंट करने के बाद भी आपको आपके फण्ड पर नज़र रखनी होती हैं और समय समय पर फण्ड की परफॉरमेंस का review करना होता हैं। आपके गलत इन्वेस्टमेंट आपके लिए बड़ा financial loss हो सकता हैं |
इन सब बात के आलावा डायरेक्ट investment मे आपको खुद ही सारे काम करने होते हैं जैसे की KYC, इन्वेस्टमेंट forms fill करना, compliances के जरुरी काम करना, withdrawal, switch से रिलेटेड काम या फिर किसी भी तरह की आपकी personal जानकारी update करवानी हो तो आपको वो सभी Mutual फण्ड कंपनी मे चेंज करवानी पड़ती हैं।
डायरेक्ट investment मे आपको सही फण्ड select करने के साथ मे सही और बैलेंस पोर्टफोलियो बनाना भी जरुरी हैं क्योकि अगर आप सही रिसर्च के बाद सही फण्ड सेलेक्ट भी कर लोगे तो भी आपका पोर्टफोलियो आपके रिस्क प्रोफाइल एंड goal के अकॉर्डिंग सही होना जरुरी हैं। आपको आपका risk appetite एंड Scheme risk profile, asset allocation और सही फण्ड सेलेक्ट करने की टाइमिंग भी पता होनी चाहिए। कौनसे सेक्टर मे कितना इन्वेस्टमेंट आपके लिए long term मे अच्छा परफॉर्म करेगा वो बहुत इम्पोर्टेन्ट हैं |
Regular Plan मे इन्वेस्टर किसी financial advisor, distributor, broker or एजेंट की हेल्प से म्यूच्यूअल फण्ड मे इन्वेस्ट करते हैं और उनकी सर्विस के बदले mutual फण्ड कंपनी की तरफ से उनको कमिशन दिया जाता हैं इसलिए ही रेगुलर प्लान मे किसी भी फण्ड का एक्सपेंस रेश्यो डायरेक्ट की तुलना मे ज्यादा होता हैं। रेगुलर प्लान मे आपका म्यूच्यूअल फण्ड एजेंट आपके लिए आपके रिस्क प्रोफाइल एवं आपके goal को ध्यान मे रखते हुए इन्वेस्टर के लिए एक सही म्यूच्यूअल फण्ड पोर्टफोलियो बनता हैं। रेगुलर प्लान मे इन्वेस्टर को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं लेनी होती और फण्ड selection से लेकर इन्वेस्टमेंट करवाना, fund review और समय समय पर फण्ड परफॉरमेंस चेक करना, किसी भी तरह की कोई इनफार्मेशन अपडेट करवानी हो या किसी भी तरह की कोई जानकारी चाहिए हो सभी काम मे एजेंट आपकी हेल्प करता हैं और इन सब काम और उनकी expertise और रिसर्च के बदले उनको म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी की तरफ से कमिशन मिलता हैं। ये कमिशन कितना होता हैं ये depend करता हैं की कौनसी Mutual fund कंपनी मे, किस फण्ड मे और किस city मे आप इन्वेस्ट कर रहे हैं।
इस प्रकार रेगुलर इन्वेस्टमेंट मे इन्वेस्टर को किसी भी तरह की परेशानी उठाने की जरूरत नहीं हैं और आपका एडवाइजर आपके सभी काम करता हैं और इन्वेस्टर किसी टेंशन लिए बिना अपने खुद के काम पर जयदा समय दे सकता हैं क्योकि उसके लिए उनको एडवाइजर हैं |
अगर आप भी इन्वेस्ट करना चाहते है और आपको सही फण्ड चुनने मे हमारी कोई मदद की जरूरत है तो आप www.planaSIP.com के founder and mutual fund distributor, Jaipur अमित कुमार सक्सेना से contact कर सकते है @8290773849
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